लाख जतन कर ले ये मन पर बोल उठती है मेरी कलम लाख जतन कर ले ये मन पर बोल उठती है मेरी कलम
इन रिश्तों में हम की दीवार। क्यों इतनी कमजोर होती है यार। इन रिश्तों में हम की दीवार। क्यों इतनी कमजोर होती है यार।
मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कराहट की खातिर मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कर...
ख़ामोशी कभी ख़ामोश नहीं होती खामोशी में कई राज़ छुपे होते हैं। ख़ामोशी कभी ख़ामोश नहीं होती खामोशी में कई राज़ छुपे होते हैं।
जो कहना था उनसे कभी कहा नहीं एक पत्र जो लिखा मगर भेजा नहीं। जो कहना था उनसे कभी कहा नहीं एक पत्र जो लिखा मगर भेजा नहीं।
तुम और तुम्हारी यादें...क़ैद ही रहना चाहती हैं मेरे दिल के किसी अंधेरे कोने में। तुम और तुम्हारी यादें...क़ैद ही रहना चाहती हैं मेरे दिल के किसी अंधेरे कोने ...